1

ले दूरबीन

अमा चाँद ढूँढती

ज्यों प्यासी मीन।

2

तारों को न्योता

नभ से ही लगाते

झील में गोता।

3

तम् था डरा

उषा ने पाँव धरा

पहाड़ी पीछे।

4

नभ में तारे

अँधेरे में घूमते

तंग बेचारे।

5

तारे बेखौफ़

झील में ज्यों नहाते

नाचते गाते।

6

बैठी है प्यासी

झील, धारा, नदियाँ

बारहमासी।

7

असंख्य बूँदें

बनी नदी विशाल

संघ की चाल।

8

किरणें फूटी

भोर ने नदियों से

स्वर्णिम लूटी।

9

इंद्रधनुष

भू सतरंगी माला

पहने हुए।

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