प्रेम पर ताँका

 1

लिख के भेजे

तुमने प्रेम-पत्र

मैंने सहेजे

ज्यों इतिहास छात्र

सभ्यता-अवशेष। 


2

छज्जे पे बैठ

चाँद देखते हुए

कभी तो लिखों

प्रेम में डूबी कोई

प्रेम-अल्गोरिथम। 


*(किसी भी समस्या का चरणबद्ध तरीके से समाधान निकालने की प्रकिया को अल्गोरिथम (Algorithm) कहते हैं।) 


3

प्रेम-प्रमेय

सदा सिद्ध करती

प्रेम से प्रेम

घृणा-प्रेम बताती

व्युत्क्रमानुपाती।


4

हम दोनों है

समझो गणित की

प्रेम-निर्मेय

संभव न ज्यों बिना

पटरी-परकार। 


5

फिर से करें

बालकनी पे चढ़

पत्र-प्रतिक्षा

तकनीकी ज्यों आई

प्रेम-मूल्य घटाया। 


6

खो गए कहीं

हीर-राँझा के किस्से

किस को भेजें

लिख के प्रेम-पत्र

कबूतर ढूंढते। 


7

प्रेम में डूबे

बालकनी पे देखें

ज्यों तोता-मैंना

मुझको याद आया

अपरिमित-प्रेम। 


8

ऐसे टटोले

अलमारी में रखे

तुम्हारे पत्र

ज्यों पुरातत्वविद्

कागजी अभिलेख।


9

प्रेम में डूबी

आँखें ढूँढती रही

अथाह-प्रेम

ज्यों पुरातत्ववेत्ता

अतीत का रहस्य। 


10

प्रेम-दर्शन

द्वैत से परिबद्ध

मैं और तुम

प्रेम का अध्ययन

मन बना चंदन। 


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