1
तुंग पे बैठी
धूप की उड़ा खिल्ली
बर्फ़ की सिल्ली।
2
नभ ने ओढ़ी
चमकती चादर
तारों से जड़ी।
3
ज्येष्ठ की गर्मी
मजदूर का माथा
लू का तमाचा।
4
धरा की प्यास
नदियाँ, झीलें सूखी
मेघ उदास।
5
पत्थर चीर
झरना बन कूदा
नदी में नीर।
6
नदी जीवन
पहाड़ी से उतर
भागमभाग।
7
प्रेम की वाणी
गुलाब से खिलते
जिसने जानी।
8
तिमिर् दौड़ा
उषा ने ज्यों लगाया
धोबीपछाड़।
9
दीप लगाता
तम को अखाड़े में
बगलडूब।
10
जुगनू मारे
ज्यों कलाजंग दांव
तमस चित्त।
11
उषा ज्यों आई
तम ने भोर में ही
मुँह की खायी।
12
भोर ने किया
तम को चेकमेट
उषा की चाल।
13
उषा ज्यों आई
हुआ तम बेचारा
नौ-दो ग्यारह।
14
गेंदे का फूल
तितली ने ज्यों छुआ
निहाल हुआ।
15
दीप के नीचे
ज्यों आस्तीन का सांप
बैठा है तम।
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